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Pronunciation

फूलना MEANING IN ENGLISH

BLOOM ( Verb )
English Usage : As spring approaches, the tulips will soon begin to bloom vibrantly in my garden.
BLOSSOM ( Verb )
English Usage : As the sun warmed her face, she blossomed into confidence at work that day.
SWELL ( Verb )
English Usage : The stormy weather was forecasted to bring in huge waves and cause the tide to swell tonight.
DISTEND ( Verb )
English Usage : The gas distended the animals body
RISE ( Verb )
English Usage : they cheered the rise of the hot-air balloon
PROVE ( Verb )
English Usage : She proved to be right
EFFLORESCENCE ( noun )
English Usage : The marble statue showed signs of natural efflorescence due to the high humidity in the museum environment.
EFFLORESCE ( other )
English Usage : The rare orchid effloresced under the moonlight, releinning its beauty to all who saw it.

OTHER RELATED WORDS

फूलना फलना = DO WELL ( Verb )
English usage : You will do well to arrive on time tomorrow!
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फूलना/सूजना = BLOAT ( IntransitiveVerb )
English usage : The dead mans stomach was bloated
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फूलना बन्द होना = DEFLORATION ( other )
English usage : The harsh criticism felt like defloration to his self-esteem.
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Definition of फूलना

  • पुं० [सं० गृहम्, पा० प्रा० घरम्, उ० गु० ने० पं० बँ० मरा० घर० सिं० घरु० कन्न० सिंह० गर] [वि० घरु, घराऊ, घरेलू] १. ईट, पत्थर, मिट्टी, लकड़ी आदि की वह विशिष्ट वास्तु रचना जो प्रायः दीवारों से घिरी और छतों से पटी हुई होती है और जिसमें लोग अपने परिवार या बाल-बच्चों के साथ रहते हैं, और इसी लिए जिसमें गृहस्थी का भाव भी सम्मिलित है। मकान। (हाउस) मुहावरा–घर आँगन हो जाना=घर का टूट-फूटकर खँडहर या मैदान हो जाना। जैसे–ऐसा सुन्दर घर अब आँगन हो गया। घर का आँगन होना=घर या उसमें रहनेवाले परिवार के सुख-सौभाग्य आदि का ऐसा विस्तार या वृद्धि होना जो सब प्रकार से अभीष्ट तथा शुभ हो। घर घर के हो जाना=अपने रहने का घर न होने के कारण कभी किसी के घर और कभी किसी के घर में जाकर रहना। इधर-उधर मारे-मारे फिरना। उदाहरण– तेरे मारे यातुधान भये घर-घर के।–तुलसी। घर सिर पर उठाना-बहुत कोलाहल करना या शोर मचाना। हो हल्ला करना। २. (क) उक्त प्रकार के भवन या रचना का कोई ऐसा अलग खंड या विभाग जिसमें स्वतंत्र रूप से कोई परिवार रहता हो। किसी परिवार का निवास-स्थान। (ख) उक्त खंड या विभाग में रहनेवाला परिवार। जैसे–इस मकान के चारों घरों से एक-एक रुपया मिला है। ३. उक्त में एक साथ रहनेवालों की पूरी समाजिक इकाई। एक ही मकान या उसके विभाग में एक साथ रहनेवाले परिवार या रिश्ते-नाते के सब लोग। जैसे–(क) आज घर भर मेला देखने जायगा। (ख) घर के सब प्राणियों को ब्याह न्योता मिला है। (ग) हैजे में घर के घर तबाह हो गये। मुहावरा–घर करना= (क) बसने या स्थायी रूप से रहने के लिए अपना निवास स्थान बनाना। जैसे–जंगल में घर बनाना। (ख) घर-गृहस्थी का ऐसा ठीक और पूरा प्रबंध करना कि परिवार के सब लोगों का ठीक तरह से निर्वाह होता रहे। (ग) पुरुष और स्त्री का पति-पत्नी के रूप में रहकर गृहस्थी चलाना। जैसे–आओ मीता,घर करें, आया सावन मास।–स्त्रियों का गीत। (किसी काम को) घर का रास्ता समझना= (क) बहुत ही सरल या सुगम समझना। (ख) सामान्य और सुपरिचित समझना। घर के घर=अंदर-ही अंदर और गुप्त रूप से। बिना औरों को या बाहरी लोगों को जतलाये। जैसे–सब झगड़े घर के घर तै हो गये। घर के घर रहना=लेन-देन,व्यवहार,व्यापार आदि में ऐसी स्थिति में रहना कि न तो कुछ आर्थिक लाभ हो और न ही हानि। (किसी का) घर चलान=(क) किसी को इस, प्रकार नष्ट या बरबाद करना कि उसकी बहुत बड़ी आर्थिक हानि हो अथवा मान-मर्यादा नष्ट हो जाय। (ख) किसी परिवार में अशांति,कष्ट,वैमनस्य आदि उत्पन्न करना। घर चलाना=घर के व्यय आदि का निर्वाह और प्रबंध करना। घर जमाना=घर-गृहस्थी की सभी उपयोगी चीजें एकत्र करना जिसमें सब आवश्यकताएँ पूरी होती रहें। (किसी के) घर तक पहुँचना=किसी को माँ-बहन तक की गालियाँ देना। (किसी का) घर देख पाना या देख लेना=एक बार कहीं से उद्देश्य-सिद्धि या फल प्राप्ति हो जाने पर परच जाना और प्रायः उसी ओर प्रवृत्त होना। जैसे– अब तो इन्होंने घर देख लिया है, नित्य पहुँचा करेगे। (किसी स्त्री का किसी के) घर पड़ना=किसी के घर जाकर पत्नी भाव से रहना। (दर,लागत या भाव के विचार से कोई चीज) घर पड़ना=भाव,लागत,व्यय आदि के विचार से किसी चीज की दर या दाम ज्ञात या स्थिर होना। जैसे–ये मोजे दस रूपये दरजन तो घर पड़ते हैं, यदि ग्यारह रुपये दरजन भी न बिकें तो हमें क्या बचेंगा। (दूकानदार) (किसी का) घर फोड़ना=किसी परिवार में उपद्रव, कलह या लड़ाई झगड़ा खड़ा करना। जिसमें उसी घर के रहनेवाले एक दूसरे से अलग हो जाना चाहें। (अपना) घर बनाना=आर्थिक दृष्टि से अपना घर संपन्न और सुखी करना। (किसी का) घर बसना=विवाह हो जाने और घर में पत्नी के आ जाने के कारण घर आबाद होना। (किसी का) घर बिगाड़ना= (क) किसी के घर की समृद्धि नष्ट करना। घर तबाह करना। (ख) घर में फूट फैलाना। घर के लोगों में परस्पर लड़ाई कराना। (ग) किसी की बहू-बेटी को बुरे मार्ग पर ले जाना। (स्त्री का किसी पुरुष के) घर बैठना=किसी के घर जाकर पत्नी भाव से रहने जाना। घर बैठे=बिना कोई विशेष परिश्रम या प्रयास किये। जैसे–अब सारा काम घर बैठे हो जायगा। (अपना या किसी का) घर भरना=घर को धन-धान्य से पूर्ण करना। जैसे–इन्होंने जन्म भर अपना (या अपने मालिक का) घर भरने के सिवा किया ही क्या है। (किसी स्त्री को) घर में डालना=उपपत्नी या रखेली बनाकर अपने घर में रख लेना। घर से-अपने पास से। पल्ले से। जैसे–हमें तो घर से सौ रुपये निकाल कर देने पड़े। घर सेना-घर में चुपचाप और व्यर्थ पड़े रहना,बाहर न निकलना। घर से बाहर पाँव या पैर निकालना=किसी प्रकार के कुमार्ग या दुष्कर्म में प्रवृत्त को काम करना। पद-घर का= (क) निज का। अपना। जैसे–घर का मकान या बगीचा, घर के लोग।(ख) आपस के लोगों का। जिससे परायों या बाहरवालों का कोई संबंध न हो। जैसे–घर का झगड़ा, घर की पूँजी। (ग) स्त्री की दृष्टि से उसका पति या स्वामी। उदाहरण–घर के हमारे परदेस को सिधारे यातें दया करि बूझीए हम रीति राहवारे की।–कविंद। घर का अच्छा= (क) कुल, शील आदि के विचार से श्रेष्ठ। (ख) आर्थिक दृष्टि से संपन्न और सुखी। घर का उजाला=परिवार, वंश आदि की मान-मर्यादा बढ़ानेवाला व्यक्ति। घर का न घाट का=जिसके रहने का ठीक-ठिकाना या कोई निश्चित स्थान न हो। जैसे–धोबी का कुत्ता घर का न घाट का। (कहा०) घर का बहादुर, मर्द या शेर=वह जो अपने घर के अंदर या घर के लोगों के सामने ही बहादुरी की डींग हाँकता हो, बाहरी लोगों के सामने दब जाता हो। घर की खेती=ऐसा काम,चीज या बात जो अपने घर में आप से आप या अपने साधारण परिश्रम से यथेष्ट परिमाण में मिल या हो सकती हो। घर के बाढ़े-जो अपने घर में ही रहकर बड़ा हुआ हो, परन्तु जिसे अभी बाहरवालों के सामने कुछ कर दिखाने का अवसर न मिला हो अथवा ऐसी शक्ति न आई हो। घर ही का बहादुर या शेर। उदाहरण–द्विज देवता घरहिं के बाढ़।–तुलसी। घर में= (क) स्त्री०। जोरू। घरवाली। जैसे–उनके घर में बीमार हैं। (ख) पति। स्वामी। जैसे–हमारे घर में परसों बाहर गये हैं। (स्त्रियाँ) घरवाला=स्त्री के विचार से, उसका पति। जैसे–अपने घरवाले को भी साथ ले आती। घरवाली=पति के विचार से, उसकी पत्नी। जैसे–जरा घरवाली से भी पूछ लो। घर से= (क) पति के विचार से ,उसकी पत्नी। घरवाली। जैसे–उनके घर से भी साथ आयी हैं। (ख) स्त्री के विचार से, उसका पति। घरवाला। अँधेरे घर का उजाला= (क) वह जिससे किसी छोटे या साधारण घर की मर्यादा, शोभा आदि भी बहुत अधिक बढ़ जाती हो। (ख) परम रूपवान या सुन्दर (अथवा सुन्दरी)। ४. किसी परिवार के रहने के स्थान की सब चीजें। गृहस्थी की सब सामग्री। घर का सारा समान। मुहावरा–घर फूँककर तमाशा देखना=अपना सब कुछ नष्ट करके किसी प्रकार आनंद लेना या सुख भोगना। (ऐसे अनुचित और निंदनीय कार्यों के संबंध में प्रयुक्त जो बहुत अधिक व्यय साध्य हों) ५. प्रतिष्ठा, मान-मर्यादा, वैभव आदि के विचार से कोई गृहस्थी या परिवार। खानदान। घराना। जैसे–अब भी वहाँ कई पुराने रईसों के घर बचें है। ६. स्थायी रूप से गृहस्थी या परिवार बनाकर रहने के लिए उपयुक्त स्थान। जैसे–लड़की (के विवाह) के लिए कोई अच्छा घर ढूँढ़ना। उदाहरण–जो घर बर कुल होय अनूपा।–तुलसी। ७. वह स्थान जहाँ रहने पर वैसा ही सुख और सुभीते मिलते हों, जैसा सुख और सुभीते स्वयं अपने घर या निवास स्थान पर मिलते हैं। जैसे–(क) इसे भी आप अपना घर समझें। (ख) सब बच्चों को उन्होंने सदा घर की तरह रखा था। ८. पशु-पक्षियों आदि के रहने की जगह। जैसे–चूहे जमीन के अन्दर और तोते पेडों पर अपना घर बनाते हैं। ९. केला, बाँस, मूँज आदि के पौधों का एक जगह और बहुत पास-पास या एक साथ उगा हुआ समूह। झुरमुट। जैसे–उनके बगीचे में केले के ५-६ घर हैं। १॰. वह स्थान जहाँ कोई काम,चीज या बात की अधिकता या प्रचुरता से देखने में आती अथवा होती हो। जैसे–(क) कश्मीर शोभा और सौन्दर्य का घर है। (ख) यहाँ का जंगली क्षेत्र मलेरिया (या साँपों) का घर है। (ग) नगर का वह भाग गुडों और बदमाशों का घर है। ११. वह चीज या बात जिससे कोई दूसरी चीज या बात निकलती या पैदा होती हो। जैसे–रोग का घर खाँसी, लड़ाई का घर हाँसी। (कहा०) १२. वह स्थान जहाँ किसी मनुष्य अथवा उसके पूर्वजों का जन्म, पालन-पोषण आदि हुआ हो। जन्म-भूमि या स्वदेश। जैसे–घर तो उनका पंजाब में था पर वे बहुत दिनों से बंगाल में जाकर बसे थे। १३. वह स्थान जो किसी विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति या कार्य की सिद्धि के लिए उपयुक्त या ठीक हो, अथवा उसके लिए बनाया या रक्षित किया गया हो। जैसे– कल-घर (जिसमें पानी या नल लगा हो), पूजा-घर(जहाँ देवता की मूर्ति और पूजन की सामग्री रहती हो।) रसोई घर आदि। १४. वह स्थान जहाँ जनता को कुछ विशिष्ट चीजें या बातें अपने उपयोग या व्यवहार के लिए नियमित रूप से और सुगमतापूर्वक प्राप्त होती हों। जैसे–टिकटघर, रेलघर। १५. वह स्थान जहाँ किसी विशिष्ट प्रकार का उत्पादन कार्य नियमित और व्यवस्थित रूप से होता हो। जैसे–पुतलीघर, बिजलीघर। 1६. वह स्थान जहाँ किसी विशिष्ट प्रकार का सार्वजनिक काम करने के लिए अनेक कर्मचारी एकत्र होते हों। जैसे– डाकघर, तारघर। १७. किसी अलमारी, संदूक आदि में अलग-अलग चीजें रखने के लिए बने हुए चौकोर खाने। जैसे–इस संदूक में कागज-पत्र, गहने, रुपये-पैसे आदि रखने के लिए अलग-अलग घर बने हैं। १८. कोई चीज रखने का डिब्बा या चोंगा। खाना। (केस) जैसे– अँगूठी, चश्मे या तलवार का घर। १९. किसी तल पर खड़ी और बेड़ी रेखाओं से किये हुए खंड या विभाग। कोण। खाना। जैसे– चौसर या शतरंज की बिसात के घर। २॰. कोई चीज जमाकर बैठने, ऱखने या लगाने के लिए बना हुआ चौखटा, छेद या स्थान। जैसे–अँगूठी में नगीने का घर, तसवीर का घर (अर्थात् चौखटा)। २१. आकाश में क्षितिज के उत्तर दक्षिण वृत्त के मुख्य बारह विभागों में से हर एक जो फलित ज्योतिष में जन्म कुंडली बनाने के समय ग्रहों की स्थिति दिखाने के काम आता है। ये विभाग राशि-चक्र के सूचक होते हैं और इनमें से प्रत्येक में किसी ग्रह के पहुँचने का अलग-अलग प्रकार या प्रभाव या फल माना जाता है। जैसे–चौथा, छठा या नवाँ घर। २२. किसी वस्तु के टिके, ठहरे या रुके रहने की कोई जगह। जैसे–पानी ने छत में स्थान-स्थान पर घर कर लिया है। मुहावरा–(किसी चीज का कही) घर करना=किसी वस्तु का अपने जमने या ठहरने के लिए उपयुक्त स्थान बनाना। जैसे–दो-चार दिनों में जूते में पैर घर कर लेता है। (किसी चीज का) चित्त या मन में घर करना=अपने गुण,रूप आदि के कारण किसी को इतना पसंद आना कि उसका ध्यान सदा बना रहे। अत्यन्त प्रिय होना। २३. किसी बात या व्यक्ति का उपयुक्त तथा नियत स्थान या स्थिति। मुहावरा–(कोई काम या बात) घर तक पहुँचाना=पूर्णता या समाप्ति तक पहुँचाना। जैसे–जो काम हाथ में लिया है, पहले उसे घर तक पहुँचाओ। (किसी व्यक्ति को उसके) घर तक पहुँचाना=ऐसी स्थिति में पहुँचाना या ले जाना कि उसका वास्तविक स्वरूप सब लोगों पर प्रकट हो जाए। जैसे–झूठे को उसके घर तक पहुँचाना चाहिए। (अर्थात् उसे झूठा सिद्ध कर देना चाहिए।) (आग या दीया) घर करना=ठंढ़ा करना। बुझाना।(मंगल-भाषित) २४. आघात, प्रहार या वार करने अथवा उससे बचने या उसे रोकने का कोई विशिष्ठ ढंग या प्रकार। दाँव। पेंच। जैसे–वह कुश्ती (तलवार या पटा-बनेठी) के सब घर जानता है। पद-घर-घाट। (देखें)। मुहावरा–(प्रहार में) घर खाली छोड़ना या देना=वार करते हुए भी आघात या प्रहार न करना बल्कि जान-बूझकर खाली जाने देना। (बार का) घर बनाना=अपने कौशल या चातुरी से प्रहार या वार विफल करना। जैसे– कई घर तो तुम बचा गये, पर इस बार जरा सँभलकर रहना। २५. संगीत में, किसी तान, बोल या स्वर की नियत और मर्यादित सीमा। जैसे–(क) यह तान ठीक नहीं आई, जरा फिर से और ठीक घर में कहो। (ख) यह चिड़िया कई घर बोलती है। 2६. गुदा या भग (बाजारू

  • [Source: Pustak.org]

HinKhoj Hindi English Dictionary: फूलना ( Phulana )


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