A bad workman blames his tools. (नाच न जाने आंगन टेढ़ा)
सफलता इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आपके पास किस तरह के संसाधन (उपकरण) है, बल्कि इस बात पर निर्भर होती है कि आपने किस तरह से उनका उपयोग किया है। किसी व्यक्ति के पास कार्य करने के हर तरह के उपकरण हो सकते हैं पर अगर उन्हें उनका सही तरह से उपयोग करना ना आये तो वह अपने कार्य में सफलता नहीं पा सकता। जबकि वह व्यक्ति जो उपलब्ध उपकरणों का उपयोग प्रभावी तरीके से करता हो, उसे सफलता प्राप्त होती है।
यह वास्तविक जीवन के सन्दर्भ में भी सही है। हमें अपने भाग्य को दोष ना दे कर, हमेशा कार्य को करने के लिए प्रयत्न करना चाहिए। We must learn to hone our talents and tabs maximum benefit out of them. भाग्य को दोष वही लोग देते हैं जो अपना काम सही ढंग से नहीं कर पाते। अपनी विफलताओं के लिए सिर्फ भाग्य, संसाधनों और दूसरों को दोषी ठहराने से अच्छा है कि हम अपनी प्रतिभा को पहचाने और कार्य को सुधारने में उसका प्रयॊग करें।
दूसरों पर दोष वही लोग डालते हैं जो स्वयं उस कार्य को करने में समर्थ ना हो। एक तरह से वे अपनी असफलता का कारण उन सब चीज़ों को ठहराते हैं जिन्हें सही तरीके से उपयोग करना उनके हाथ में था अर्थात अपनी कमी से कुछ ना कर पाने का दोष अन्य चीज़ों पर देना।