A wolf in lamb’s clothing. (भेड़ की खाल में भेड़िया)
यह एक cautionary सलाह है। किसी को भी दूसरे व्यक्ति पर अनावश्यक रूप से विश्वास नहीं करना चाहिए। हो सकता है वो, वास्तविकता में जो ना हो, वैसा बनने की कोशिश कर रहा हो। ऐसे व्यक्ति समयानुसार अपना रंग बदलते हैं और हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं।
यह idiom 'Aesop's Fable' से लिया गया है। शायद 5th या 6th Century BC से इस idiom का प्रयॊग हो रहा है जब Aesop ने एक Wolf in Sheep’s Clothing नाम से एक fable लिखी। इस कहानी में चरवाहे को बेवकूफ़ बनाने के लिए और आसानी से भोजन प्राप्त करने के लिया एक भेड़िया भेड़ की खाल का सहारा लेता है। भेड़ की खाल पहन कर वह अंदर पहुँच जाता है और एक एक कर भेड़े मार कर खाता है। एक दिन चरवाहा meat के लिए एक भेड़ को मारने के लिए आता है। खाल में छिपे भेड़िये के हुष्ट-पुष्ट शरीर को देखकर वह उसे ही मार देता है।
यह idiom हमें झूठे लोगों से बचने की सलाह देता है जो एक अच्छे व्यक्ति (sheep) की तरह हमारे पास आते हैं पर वास्तव में वे हमारे हितैषी ना होकर हमें नुकसान (wolf की तरह) पहंचाते है। This idiom is a warning that you cannot necessarily trust someone simply because they appear to be kind and friendly.