Pure gold does not fear the flame. (सांच को आंच क्या।)
जिस तरह Pure gold (सच्चे सोने) को आग में पिघलाने से उसकी प्रमाणिकता कम नहीं हो जाती बल्कि और अधिक हो जाती है। सच्चे सोने को किसी भी जौहरी के पास ले जाने पर डर नहीं रहता और उसकी कीमत कम नहीं होती। उसी प्रकार सच्चाई को किसी सबूत की आवश्यकता नहीं होती, वह तो वक्त के साथ सामने आ जाती है। इस proverb में सच की तुलना Pure gold से की गयी है। इस दुनिया में लोग अनेक कारणों के लिए झूठ बोलने का फैसला करते हैं। वे इस बात से अनजान होते हैं कि एक झूठ को छिपाने के लिए सैंकड़ों झूठ बोलने पड़ते हैं। जो लोग सच्चाई के पथ को चुनते हैं , वे ज़िंदगी में खुश रहते हैं। अगर सच को ठुकरा दिया जाए तो वह बिना सबूत के किसी समय भी बाहर आ ही जाएगा । सच बोलने वाले को किसी से भय नहीं होता। झूठ बोलने वाला कितना भी झूठ बोल ले और सत्य को दबाने की कोशिश करें, पर सच हमेशा सबके सामने आ ही जाता है।
इसलिए बोला गया है - Truth fears no examintation. (जो सच्चा होता है उसे किसी बात का डर नहीं होता है।)