Green corridor का प्रयोग अभी के सन्दर्भ में medical emergency के लिए किया जाता है जैसे कि किसी मरीज को तत्काल medical सहायता उपलब्ध करवानी हो या किसी संवेदनशील अंग जैसे कि – heart या liver को एक से दूसरी जगह में कम समय में पहुँचाना हो । Green corridor असल में अस्पताल प्रबंधन और ट्रैफिक पुलिस के आपसी सहयोग से अस्थायी रूप से तैयार किया जाना वाला एक route होता है जिसमे कुछ देर के लिए निर्धारित मार्ग पर यातायात रोक दिया जाता है या अनियमित कर दिया जाता है ताकि pilot vehicle या एम्बुलेंस को एक से दूसरी जगह जाने के लिए कम से कम समय लगे।
28 April को ही दिल्ली, गुडगाँव और इंदौर में इस तरह के तीन Green corridor बनाए गए जिसके द्वारा मृत घोषित किए गए 18 वर्षीय दीपक धकेता के अंगों को जरूरत मंद लोगों तक समय रहते पहुंचाया गया और 4 लोगों की जान बचा ली गई। Green corridor की मदद से ही ,IGI से ambulance ने गुडगाँव के मेदांता हॉस्पिटल तक का 18 km का सफर महज 16 मिनट में तय कर लिया।