a/c (abbreviation) - short form of account (खाता)
Bouncing of a cheque - account में अपर्याप्त धन की वजह से चेक (cheque) clear नहीं होता और वह चेक बैंक को “Exceeds arrangement” या “funds insufficient” के कारण वापिस लौटा दिया जाता है।
Bank Rate - यह ब्याज दर central bank द्वारा commercial banks पर अग्रिमों और ऋण (loans) के लिए लगाया जाता है।
Cheque - यह एक व्यक्ति द्वारा राशि एक account से दूसरे account (एक ही बैंक या अलग अलग बैंक खातों) में transfer करने के लिए में प्रयॊग में लाया जाने वाला प्रपत्र (Cheque) होता है।
Core Banking Solutions (CBS) - इसमें बैंक की सभी शाखाएं (branches) एक दूसरे से जुड़ी रहती है और customer कहीं से भी अपने funds और transactions कर सकता है।
Debit Card - यह बैंक द्वारा जारी किया गया कार्ड है जिससे ग्राहक इलेक्ट्रॉनिक रूप से उनके खाते से अपना पैसा निकाल सकता है।
Demat Account - डीमैट खाता भी बैंक खाते की तरह काम करता है। यहां भी बैंक बैलेंस की केवल पासबुक में प्रविष्टि कराई जा सकती है, आप इसे भौतिक रूप में रख नहीं सकते, इसकी सुरक्षा भी इलैक्ट्रोनिक तरीके से होती है, और बैंक खाते की तरह ही डैबिट कर क्रेडिट होता है। SEBI के दिशानिर्देश के अनुसार डीमैट को छोड़कर किसी अन्य रूप में शेयरों को बेचा या खरीदा नहीं जा सकता है। इसलिए, अगर आपको शेयर बाजार से स्टॉक खरीदना या बेचना हो तो आपके पास डीमैट खाता होना अनिवार्य है।
E-Banking/ Net Banking (इंटरनेट बैंकिंग) - नेट बैंकिंग बैंक की एक सेवा है। जिसका उपयोग बैंक खाता धारक अपने अकाउंट की पल पल की जानकारी किसी भी समय, अपने mobile, laptop या कंप्यूटर से इंटरनेट के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकता है। इसमें हम वित्तीय लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालन कर सकते है। RTGS, Credit cards, Debit cards etc come under this category.
Fiscal Deficit - राजकोषीय घाटा। यह सरकार द्वारा उधार व्यय को पूरा करने के लिए ली गयी धन राशि है।
Initial Public Offering (IPO) - यह समय है जब एक कंपनी जनता के लिए शेयरों की पहली भेंट प्रस्तुत करता है।
Leverage Ratio - यह एक वित्तीय अनुपात (financial ratio) है जो हमें एक कंपनी के लिए उसके वित्तीय घाटे को पूरा करने की क्षमता के लिए उपाय देता है।